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हाल ही में Blue Whale नामक एक गेम से भारत में एक बच्चे की जान जाने का मामला सामने आया।
Blue Whale: क्या सच में यह गेम ले सकता है किसी की जान
हाल ही में Blue Whale नामक एक गेम से भारत में एक बच्चे की जान जाने का मामला सामने आया।
आप सभी को पोकेमॉन गो गेम तो अच्छी तरह से याद होगा। जिसे पिछले साल लॉन्च किया गया, खास बात है कि ये गेम खेलने की वजह से इतना लोकप्रिय नहीं हुआ जितना कि इसके कारण होने वाली घटनाओं से हुआ। पोकेमॉन गो गेम को खेलते समय प्लेयर इतना खो जाते थे कि उन्हें अपने आस पास कुछ खबर ही नहीं, जिसकी वजह से दुर्घटना का सामना करना पड़ता था। यही वजह रही कि इस गेम को कई देशों पर कई जगहों पर प्रतिबंधित भी किया गया। वहीं अब एक और गेम सुर्खियों में है।
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blue Whale नामक यह गेम जहां पहले रूस में लोगों की जान जानें का कारण बना हुआ था, वहीं अब भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। भारत में भी blue Whale गेम से एक बच्चे की मौत का मामला सामने आया है। जिसके बाद लोगों के मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि क्या कोई गेम सच किसी की मौत का कारण बन सकता है।
हाल ही आई एक रिपोर्ट में पता चला कि मुंबई में अंधेरी वेस्ट के रहने वाले एक बच्चे मनप्रीत ने सातवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी है। जिसकी वजह blue Whale गेम को बताया जा रहा है। जिसे खेलते समय यह बच्चा इतना डिप्रेशन में आ गया कि उसने आत्महत्या ही कर ली। बता दें कि ऑनलाइन खेले जाने वाले blue Whale गेम में 50 दिन अलग-अलग टास्क मिलते हैं। रोज टास्क पूरा होने के बाद अपने हाथ पर निशान बनाना पड़ता है जो 50 दिन में पूरा होकर व्हेल का आकार बन जाता है, इसके बाद इस गेम में विजेता बनने के लिए अंतिम टास्क में प्लेयर में जान देनी पड़ती है।
सबसे पहले इस गेम से जान जाने का पहला मामला साल 2015 में रूस में सामने आया। खबर है कि इस खूनी गेम की वजह से दुनिया में करीब 250 बच्चों की जान जा चुकी है जिसमें 130 बच्चे सिर्फ रूस के हैं। वहीं भारत में इस खूनी खेल की वजह से होनी वाली मौत का पहला मामला है। लेकिन अभी तक इस गेम को बैन किया गया या नहीं इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
यह सब सच में बेहद ही बचकाना कहा जाएगा कि कोई व्यक्ति किसी गेम को खेलते समय उसमें इतना खो जाता है कि उसे अपने आस पास होने वाले बातों का अंदाजा ही नहीं रहता। ऐसे में जरूरत है इंटरनेट, मोबाइल पर दिन भर लगे रहने वाले अपने बच्चों की आदतों और व्यवहार पर नजर रखने की। माना स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हैं और खाली समय में इसमें गेमिंग भी कोई बुरी बात नहीं, लेकिन गेमिंग के दौरान सही गलत से ध्यान हटा आपको परेशानी में डाल सकता है। खासतौर पर बच्चों के मामले में ऐसी समस्या सामने आना बेहद ही संवेदनशील कहा जाएगा।
ऐसे में अभिभावकों को जरूरत है कि वह अपने बच्चों द्वारा इंटरनेट उपयोग पर पूरी नजर रखें। साथ ही हो सके तो इस प्रकार के गेम से भी उन्हें दूर रखें। इतना ही मोबाइल गेमिंग के क्षेत्र के इस प्रकार के गेम का आना ही खतरे का संकेत हैं। ऐसे गेम जो किसी के डिप्रेशन या मौत का कारण बन सकते हैं ऐसे में गेम को तुरंत प्रतिबंधित कर देना चाहिए।
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